आई नोट , भाग 30
अध्याय-5
पहला दांव
भाग-4
★★★
अगले दिन मानवी सुबह सुबह तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल रही थी। उसने तैयार होने में काफी टाइम लगा दिया था। एक अच्छी ड्रेस, एक अच्छा हेयर स्टाइल, सैंडल के मेच, यह सब मानवी को काफी अट्रैक्टिव बना रहे थे। शख्स सुबह उठते ही ऑफिस के लिए निकल चुका था। जहां मानवी ने उसे नाश्ता जल्दी बना कर दे दिया था। वह अपने साथ अपना लैपटॉप भी लेकर गया था। मगर मानवी को इससे कोई मतलब नहीं था।
तैयार होने की बात मानवी घर से बाहर निकली और दरवाजे पर लाॅक लगाते हुए सीढ़ियों से नीचे उतरने लगी। सीढ़ियों से नीचे उतरने के बाद जैसे ही वह अपने बिल्डिंग के सामने पहुंची, उसे अपने सामने काले रंग की लग्जरी कार खड़ी हुई दिखाई दी।
कार के बाहर ही सफेद कपड़े पहने ड्राइवर खड़ा था। ड्राइवर ने मानवी को आता देखकर कार का दरवाजा खोल दिया। मानवी ने चेहरे पर एक मुस्कुराहट दी और कार में जाकर बैठ गई।
ड्राइवर ने कार स्टार्ट की और उसे सड़क पर आगे की ओर बढ़ा दिया। मगर जैसे ही उनकी कार थोड़ा सा आगे गई वैसे ही बिल्डिंग के पीछे से सेकेंड हैंड अल्टो कार निकल कर बाहर आई।
शख्स ने कार चलाते हुए अपने मन में कहा “हम चीजों को देखकर भले खुद को कितनी भी तसल्ली क्यों ना दे ले, लेकिन जब तक आंखों से ना देख लिया जाए तब तक उसकी सच्चाई पर यकीन नहीं करना चाहिए। वैसे सही में यकीन करना भी नहीं चाहिए, बड़े बुजुर्ग भी यही कहते-कहते कब्रिस्तान में चले गए।”
शख्स ने अपनी कार को लग्जरी कार के पीछे लगा लिया था। वह प्राप्त दूरी बनाकर कार का पीछा कर रहा था ताकि कार के ड्राइवर को इस बात का पता ना चले उसका पीछा किया जा रहा है।
शख्स ने कार का पीछा करते हुए दोबारा अपने मन में कहा “ऐसा नहीं कि मुझे मानवी पर यकीन नहीं, मुझे मानवी पर यकीन है, अपनी कहानी से भी ज्यादा है, मेरी कहानी जरूर आगे चलकर फ्लॉप हो सकती है मगर मानवी, वह मुझे कभी धोखा नहीं दे सकती। मैंने 3 सालों से उसे इतना प्यार दिया है की इतने प्यार के बाद..... कोई भी यह नहीं कर सकता।”
सामने की कार बीच रास्ते में पहुंच चुकी थी। शख्स भी बीच रास्ते में था। “वैसे मैं इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि मानवी के लिए उसकी नौकरी उसे पूरी तरह से बदल रही है। कल कि उसकी बातें अनएक्सपेक्टेड थी। किसी भी कहानी में जब किरदार इस तरह का व्यवहार दिखाने लग जाता है, तो कोई भी इस बात का अनुमान लगा सकता है की अब वह किरदार कंट्रोल से बाहर जा रहा है। यह उस किरदार के लिए, और कहानी के लिए, दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है।”
शख्स अभी सोच ही रहा था कि उसके फोन की घंटी बजी। इससे उसके सोचने वाले काम में रुकावट आई और उसने सोचना बंद करो फोन उठाया। उसका पब्लिशर उसे फोन कर रहा था। “अब इसे सुबह-सुबह क्या चाहिए?” शख्स अपने मन में बोला और कहा “हेलो सर”
“हेलो....” दूसरी ओर से आवाज आई।
“हां कहिए सर।” शख्स बोला
“कहां हो तुम, अभी तक ऑफिस नहीं पहुंचे, अब तक तो पहुंच जाना चाहिए।”
“आज ट्रैफिक थोड़ा ज्यादा है...” शख्स ने सामने सड़क की तरफ देखा जो पूरी तरह से खाली थी “इस वजह से देरी लग रही है।”
“तुम्हें पता है कल तुमने मुझे स्टोरी का प्लॉट दिया था, मुझे वह पसंद आ गया है।”
“क्या!!” शख्स ने कार की रफ्तार को धीमा कर दिया।
“हां, और मैं चाहता हूं तुम मुझे उसके बारे में कुछ और भी बताओ। फिर इसके बाद तुम कहानी लिखना शुरु कर सकते हो।”
“जी जरूर” शख्स ने कहा। “बस आप 10 मिनट रुके, मैं अभी आया।” शख्स ने कहा और सामने सड़क की तरफ देखते हुए अपने मन में बोला “मानवी, आज का दिन तुम अकेले संभालो, यह कहानी वाला प्रोजेक्ट मेरे लिए तुमसे ज्यादा जरूरी है, हां इतना नहीं कि मैं तुम्हें छोड़ सकूं, मगर इतना जरूर है कि एक या दो दिन तुम मेरे बिना इस दुनिया में रह सको। फिर कहानी शुरू हो गई तो इसके बाद तो तुम्हें 24 घंटे मेरी नजरों में ही रहना है।” उसने अपनी बात पूरी की और कार को वापस घुमाकर ऑफिस की तरफ ले लिया। वही सामने मानवी की कार ऑफिस की तरफ जाती गई।
★★★
आशीष अपने ऑफिस में बैठा था। उसके हाथ में एक चाकू था जिससे वह पैन की तरह खेल रहा था। उसके ठीक सामने स्टीफन बैठा था।
स्टीफन ने कहा “तो मतलब तुम्हारे पिता ने तुम्हें जायदाद से बेदखल कर दिया, वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने दोस्त हर्षवर्धन की बात सुनी। तुम्हें नहीं लगता तुम्हारे पिता ने यह गलत किया है।”
“मुझे नहीं लगता से क्या मतलब तुम्हारा स्टीफन” आशीष ने चाकू को टेबल पर गाड़ने वाले अंदाज में रखा और स्टीफन से कहा “मैं तो सीधे-सीधे कह रहा हूं मेरे पिता ने जो भी किया वह गलत किया। मन तो कर रहा है उनकी इस गलती की वजह से उनकी जान ले लूं, मगर फिर, फिर लोग कहेंगे मैं अपने पागलपन की वजह से अपने पिता की जान लेता फिर रहा हूं। लोग यह भी नहीं देखेंगे मेरे पिता ने मेरे साथ क्या किया।”
“तुम इन सब बातों को भूल जाओ, यही तुम्हारे लिए बेहतर है, और रही बात तुम्हारे पिता की तुम्हें जायदाद से बेदखल करने की, तो तुम आजकल वैसे भी काफी नाम कमा चुके हो, मुझे नहीं लगता उनकी जायदाद तुम्हारे पास ना होने के बाद तुम्हें कोई नुकसान पहुंचने वाला है।”
“सही कहा तुमने। आज मेरी मीटिंग भी है जिसमें अगर मैं कामयाब हो गया तो एक और नई कंपनी मेरी हो जाएगी। दो कंपनियां हो जाने के बाद मुझे मेरे पिता का चेहरा देखने की भी जरूरत नहीं।”
तभी मानवी कमरे में आई और आशीष बोलता बोलता चुप कर गया। चुप करने के बाद वह मानवी की तरफ देखने लगा, एक अलग ही नजरिए से। मानवी के खुले बाल, उसके सेंट की खुशबू, सब उसे पागल कर रही थी। स्टीफन का ध्यान आशीष की तरफ गया तो वह समझ गया मामला क्या है।
मानवी अंदर आई और आशीष को कहा “गुड मॉर्निंग सर, मैं मानवी, कल आपने फोन कर मुझे जॉब ऑफर की थी।”
“हां मानवी, मैं इस बात को अच्छे से जानता हूं, आओ बैठो, मैं तुम्हें तुम्हारा काम समझा देता हूं।” आशीष ने मानवी को बैठने का कहा। जिसके बाद मानवी स्टीफन के पास वाली कुर्सी पर बैठ गई।
आशीष ने स्टीफन की तरफ देखा और कहा “अब आपका काम हो गया है, हम या तो दोपहर को लंच पर बात करेंगे या रात को डिनर पर, आप जा सकते हैं।”
“आप!!” स्टीफन ने बड़ी-बड़ी आंखें आशीष को दिखाई। आशीष इससे पहले सिर्फ तुम कह कर बात करता था। “जी जी...” स्टीफन बोला “जरूर, मगर आप इस बार इस बात का ध्यान जरूर रखना कि कोई गड़बड़ ना हो। आप जानते हैं ना छोटे छोटे कदम काफी बड़ा नुकसान पैदा कर सकते हैं। आपको कोई भी गड़बड़ नहीं करनी।”
आशीष ने चेहरे पर मुस्कान दी और कहा “तुम बेफिक्र रहो स्टीफन, इस बार में कोई भी गड़बड़ी नहीं करने वाला, हर एक काम सूझबूझ से किया जाएगा।”
स्टीफन ने मुस्कान का जवाब मुस्कान से दिया और ऑफिस में मानवी और आशीष को अकेला छोड़कर चला गया
उसके जाने के बाद आशीष ने मानवी से कहा “वो हम नई कंपनी को लेकर बात कर रहे थे, यह मेरा एडवाइजर है, हर वक्त मुझे बताता है कि मुझे कहां क्या करना चाहिए। इसकी एडवाइस अच्छी होती है तो मैं इसे फॉलो भी करता हूं।”
“ओह...” मानवी ने नॉर्मल एक्सप्रेशन दिया। “इसीलिए आप इतनी जल्दी सक्सेस हो गए।” और बोली।
“हां बेशक..” आशीष कुर्सी पर पीछे की तरफ हो गया। “अच्छा तो अब तुम अपने काम के बारे में सुनो, तुम्हारा काम है सिर्फ, सिर्फ और सिर्फ... मेरे पास रहना”
“जी।” मानवी ने हल्की हैरानी दिखाई। उसके हैरानी दिखाते ही आशीष ने अपनी बात के आगे कहा
“तुम मेरी फैशन डिजाइनर में पर्सनल असिस्टेंट हो, वो पर्सनल असिस्टेंट जो मेरे लिए एक तरह से मैनेजर का काम करेगी। तुम्हें मेरे द्वारा किए गए सारे काम का बायोडाटा बनाना है, बायोडाटा बना कर अपने पास रखना है, मैं जहां भी मीटिंग में जाऊंगा वहां तुम्हें मेरे साथ जाना है, मीटिंग में जो भी डिजाइन होगा उसे तुम्हें रिप्रजेंट करना है।”
“मतलब... मतलब इस तरह के काम मुझे देखने हैं। मगर मुझे तो..”
“मैं जानता हूं तुम्हें इसका ज्यादा एक्सपीरियंस नहीं है। लेकिन फिक्र मत करो, तुम धीरे-धीरे सब सीख जाओगी, मीटिंग से पहले उसकी सारी डिटेल दी जाएगी जो मीटिंग अटेंड करते वक्त तुम्हारे काम आएगी। फिर इसके अलावा भी अगर कोई दिक्कत होती है तो मैं हूं ना, मैं संभाल लूंगा।”
“मगर सर अगर मैंने कोई गलती कर दी तो, आपको नहीं लगता मुझे एक बार के लिए कोई और काम कर लेना चाहिए।”
“बिल्कुल भी नहीं, तुम्हें लेकर मेरे दिमाग में क्या चल रहा है तुम नहीं जान सकती, हीरे की कदर सिर्फ जोहरी को ही होती है, तुम वो हो जो मेरे बिजनेस को बहुत ऊपर लेकर जाने वाली हो। और देखना, यह बात धीरे-धीरे तुम्हें भी पता चल जाएगी। ”
आशीष के बात करने का स्टाइल ऐसा था कि वह मानवी को पूरी तरह से कन्वेंस कर रहा था। कन्वेंशन इस चीज के लिए कि वो उसके साथ रहकर काम करें। मानवी ने उसकी बात सुनी और हामी भर दी। हामी भरते हुए उसने कहा “ठीक है सर।”
आशीष ने यह सुनते ही खुशी दिखाई और एक फाइल मानवी के आगे करते हुए बोला “ठीक है, तो चलो तुम अपना काम आज ही शुरू करो, यह फाइल लो और इसे पढ़ो, आज हमारी नई कंपनी को लेकर मीटिंग है, तुम उसमें मेरे साथ चलोगी, डोंट वरी, आज तुम्हें सिर्फ मेरे काम करने का तरीका और रहन-सहन देखना है, यह वाली मीटिंग मेरे हाथ में रहेगी तो तुम्हें कुछ भी नहीं करना है। तुम्हें बस साथ रहना है, और देखना है हम काम कैसे करते हैं। ”
“जी सर।” मानवी ने हामी भरी और फाइल उठा कर वहां से चली गई।
उसके जाने के बाद आशीष वापिस कुर्सी में पीछे की तरफ हुआ और अपने मन में कहा “आज मैं अपने पहले दांव को आगे बढ़ाऊंगा, तुम्हें दिखाऊंगा आखिर एक रहिश इंसान होना क्या होता है, और तुम्हें इस बात का एहसास दिलाऊंगा कि अगर तुम एक रहीस इंसान के साथ होगी तो तुम्हारे साथ क्या-क्या होगा। तुम्हें क्या-क्या खुशियां मिलेगी। देखना शाम होते-होते तुम्हें मुझमें और अपने पति में फर्क पता चल जाएगा। तुम्हें यह भी पता चल जाएगा हम में से कौन बेस्ट है।”
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